Rajesh Shukla Chhandak
Wednesday, March 1, 2017
पूज्य गौ माता
जेहि तन देवन वास रहै वहिको दरस कराइ रही .
अमृत धार बहै तन से सब जन को वहै पिआइ रही .
रूप सरूप से भोली यह आपन धरम निभाइ रही .
कर्तव्य हमार हवा होइगा जेहिसे यह पन्नी खाइ रही.
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment