Wednesday, December 31, 2014

नववर्ष की हार्दिक बधाई !














डायरी के पन्ने अब कहने लगे।
आँख से उनके आंसू बहने लगे।

जनवरी में मैं फीते से लिपटा मिला,
देखते ही मुझको चेहरा उसका खिला।
खोला मुझको तो अरमान जगने लगे।।
आँख से उनके आंसू बहने लगे।

नर्म हांथो से उसने मुझको छुआ ,
जैसे चेहरा है पढता कोई दुआ।
आँखों में ख्वाब फिर झिलमिलाने लगे।।
आँख से उनके आंसू बहने लगे।

दर्द निकलने का फिर मैं सहारा बना ,
तीन सौ पैंसढ़ दिनों का पहाड़ा बना।
इकतीस दिसम्बर को उनसे मिलने लगे।।
आँख से उनके आंसू बहने लगे।

नववर्ष की भोर हो मुबारक तुम्हें ,
स्वर्णिम जीवन की आभा मुबारक तुम्हें।
मन में कविता कोई फिर से पलने लगे।।
आँख से उनके आंसू बहने लगे।

नववर्ष की सभी बन्धुओं को हार्दिक बधाई !








Tuesday, December 16, 2014

दोहे

नेता ऐसा चाहिए जनता का दे ध्यान।
नित ऐसे कारज करे बढे मान सम्मान।।

मनसा-वाचा-कर्मणा से हो निष्ठावान।
जनता उसको पूजती जैसे हो भगवान।।

लोकतंत्र के समय में नेता दयानिधान।
द्रष्टी रुके बबूल पर बन जाए धनवान।।

शिछा मंत्री बन गए देते भाषण तान।
शारद उनसे दूर है लछमी वाहन जान।।