आवैगो मेरो श्याम जू आज तो राह मैं सगरी बुहार रखूंगी।
धरती कठोर है पाँव सुकोमल यहि ते हाथ पसार रखूंगी।
हाथ हूँ मोरे कठोर लगें उन पर पुष्प सुधार रखूंगी।
मोहन माखन सों है मुलायम आँखिन कोर सँभार रखूंगी।।
धरती कठोर है पाँव सुकोमल यहि ते हाथ पसार रखूंगी।
हाथ हूँ मोरे कठोर लगें उन पर पुष्प सुधार रखूंगी।
मोहन माखन सों है मुलायम आँखिन कोर सँभार रखूंगी।।
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