Tuesday, March 7, 2017

अब फागुन में 3

कबहूं टच औ सादे मोबाइल पै
अंगुरी हम फेरैं सखि फागुन में.
टूं - टूं , टूं -टूं करिकै बोलि रहा
दहिजार यहौ सखि फागुन में.
व्यस्त कबहुं लागति मोबाइल
उलझाइ रहा सखि फागुन में.
बहुत प्रयास पर कॉल गयी
अब फोन उठा सखि फागुन में.

जब कान परी पिय कै बोली
हम चौंकि उठी सखि फागुन में.
आंसू मचले अंखियन बीचै मा
मैं सुबकि रही सखि फागुन में.
पुचकारैं औ फुसलावैं सजन
मुंह नाहीं खुलै सखि फागुन में.
हम आवैंगे होली मा सुनौ धनि
मन नाचि उठा सखि फागुन में.

मन मोर गुलाब सों फूलि गवा
धड़कन बाढ़ी सखि फागुन में.
सुरखी तौ बढ़ी अब गालों पर
मुस्काय उठी सखि फागुन में.
चोटी हमरी लहराय उठी फिर
चूडी तौ बजैं सखि फागुन में.
आवति हैं हमरे तौ सजन
अब मिनट गिनैं सखि फागुन में.

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