" रंगभरी होली की सभी लोगों को
शुभ कामनाएं व हार्दिक बधाई"
तन-मन सब गभुआर लगै
आए सजन घर फागुन में.
हिय वीणा अब झंकारि उठी
सब साज बजे हैं फागुन में.
छनकै अब पायल पावन की
चुप होय नहीं अब फागुन में.
चूड़ी खन-खन खनकि रहीं
जनु गाइ रहीं अब फागुन में.
आजु बने होरियार सजन
मोंहि ढूंढि रहे हैं फागुन में.
मैं जाइ छिपी अंधियारे सुनो
तंह पहुंचि गये हैं फागुन में.
हमको तंह पकरो बाहंन बिच
मुख लाल कियो है फागुन में.
फिर हमहूं कसरि निकारि लीन
मधुमास लगैं दूनौ फागुन में.
फिरि आजु सरारर रंगु चलै
महि रंगि रही है फागुन में.
बुढ़वा सगरे तौ जवान भए
मन रंगि गयो अब फागुन में.
चुनरी सबकी सतरंगी भयीं
सखि गोपी बनी हैं फागुन में.
हमरे तौ सजन अब श्याम लगैं
मैं राधा लगी अब फागुन में.
- राजेश शुक्ला छन्दक
मो. ०९१९८००३६५७
No comments:
Post a Comment