Wednesday, June 25, 2014

भगवन भी मिल जायेंगे














तीर्थ जाने से सब पाप धुल जायेंगे।
जप- तप करने भोले भी हिल जायेंगे।
आंसू माता-पिता का अभिशाप है,
उनकी सेवा से भगवन भी मिल जायेंगे।।

बबूल की डाल पर कोयल रहती नहीं।
सूखे गन्ने से रस धार बहती नहीं।
जेब तंगी में जब अपनी रोने लगे ,
प्रेयसी प्यार से प्रियतम कहती नहीं।।

1 comment:

  1. Likhte-likhte hi kabhi kismat chamak jayegi. Kabhi aisa samay bhi jarur ayega jab kanten sab raste ke simat jayegen. I like it. very nice.

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