Wednesday, April 2, 2014

बासंतिक नवरात्रि 3














आज नवरात्रि का चौथा दिन है। इस दिन माता कूष्माण्डा की
पूजा -अर्चना की जाती है। माता के इस स्वरूप को उदर की
देवी भी कहा जाता है। माता के इस रूप  ने स्रष्टि के संवर्धन का
कार्य किया। इनके द्वारा ही प्रकृति में शाक-भाजी, अन्नादि की
उत्पति होती है मन अपने भक्तों को अन्नादि से परिपूर्ण करती
है। इसलिए माता को अन्नपूर्णा भी कहा जाता है। माँ सभी पर अपनी कृपा द्रष्टि बनाये रखे।
निम्न मन्त्र से माता कि आराधना करें -

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै। नमस्तस्यै। नमस्तस्यै नमो नमः।

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