Tuesday, April 15, 2014

चुनावी दंगल 4

छिड़ी सियासी जंग, हो गयी ताधिन धिन्ना।
आपस में सब तंग, हो गयी ताधिन धिन्ना।

नेता जी मोदी पर चिल्लावैं,
गोधरा कै कारण वो बतलावैं।
आपन मैल नजरि ना आवै ,
दुसरे का  वो मैल   दिखावै।
बदलें छिन-छिन रंग, हो गयी ताधिन धिन्ना।

बहन जी हाथी दौराइ रही हैं,
दिन मा खेत चराइ  रही हैं।
सबका हितैषी बताइ रही हैं,
फिरि लॉलीपॉप देखाइ रही हैं.
यहु उनका अजब है ढंग,हो गयी ताधिन धिन्ना।

बहिन तौ भाई का समझावै ,
नोंक -झोंक, तकरार बढ़ावै।
नोंचि -नोंचि नाखून घिसावै,
फिरहुूँ जिउ में चैन न आवै।
यह भइया कैसी जंग, हो गयी ताधिन धिन्ना।







  

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