मेरी दो पुस्तकें भी प्रकाशनाधीन हैं जो शीघ्र ही काव्य प्रेमियों के
सम्मुख आएगीं। मैंने एक कुंभ-कथा पर एक
काव्य पुस्तक की रचना की है। मेरा मुख्य उद्देश्य अवधी भाषा को
जीवंत रखना है। इसलिए मैं अवधी भाषा में काव्य रचना करता हूँ।
इसके साथ ही खड़ी बोली में काव्य रचना कर रहा हूँ।
आज भी अपने समाज में ऐसे व्यक्ति हैं जो भारत जैसे देश में रहते
हुए हिंदी भाषा के प्रति उदासीन हैं। ऐसे लोगों में हिंदी भाषा के प्रति
आत्मीय जुड़ाव पैदा करना ही मेरा मुख्य उद्देश्य है। मैं लोगों को समाचार,
हंसी-मजाक और कविताओं के माध्यम से हिंदी के साथ जोड़ सकूं, तो अपने
को मैं बहुत धन्य समझूंगा।
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