नशा भांग का अब सुनो, फीका परति देखाय।
यहु चुनाव का नशा अब, ऊपर चढ़ता जाय।
ऊपर चढ़ता जाय, कहति कुछ बनै न भाई
जोरैं सबके हाथ , परै ना अब कुछो दिखाई।
टिकट मिलै कस अब,करें जुगति सब भाय
सीट न खसकै हाथ से, कसिकै पकड़े जाय
कसिकै पकड़े जाय, नजरि है सब तन भाई
तिरछी टोपी है सीस, कहैं जुगाड़ू इनका भाई।
यहु चुनाव का नशा अब, ऊपर चढ़ता जाय।
ऊपर चढ़ता जाय, कहति कुछ बनै न भाई
जोरैं सबके हाथ , परै ना अब कुछो दिखाई।
टिकट मिलै कस अब,करें जुगति सब भाय
सीट न खसकै हाथ से, कसिकै पकड़े जाय
कसिकै पकड़े जाय, नजरि है सब तन भाई
तिरछी टोपी है सीस, कहैं जुगाड़ू इनका भाई।
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