खाओ कसम सीमा पर लल्ला
मेरी कोख पे दाग लगाना कभी ना
बांह पे जो मैंने बाँधा है छल्ला
भूलके भी उसे गिराना कभी ना
कभी याद जो आए तुम्हें ये पल्ला
रणभूमि को छोड़ के आना कभी ना
बैरी मचाता रहे कितना भी हल्ला
रणभूमि में पीठ दिखाना कभी ना
मेरी कोख पे दाग लगाना कभी ना
बांह पे जो मैंने बाँधा है छल्ला
भूलके भी उसे गिराना कभी ना
कभी याद जो आए तुम्हें ये पल्ला
रणभूमि को छोड़ के आना कभी ना
बैरी मचाता रहे कितना भी हल्ला
रणभूमि में पीठ दिखाना कभी ना
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