वेद उपनिषद सब कहते
जैसा इतिहास बताता है
दानों में यह दान बड़ा
जो कन्यादान कहाता है
तीरथ जाकर लोग जातां से
आराध्य का दर्शन करते हैं
दान धर्म से पुण्य प्राप्त हो
पाप से मन में डरते हैं
पुण्य कहाँ से मिलेगा मुझको
निश्चित ना कर पाता है
दानों में यह दान बड़ा
जो कन्यादान कहाता है
दान ब्राह्मणो को देते
चिड़ियों को पास बुलाते हैं
भूखे को ना भोजन देते
बन्दर को पुए खिलाते हैं
पाप -पुण्य के चक्कर में
अपने को भरमाता है
दानों में यह दान बड़ा
जो कन्यादान कहाता है
माता भगिनी भी यह होती
वामांगी यही कहाती है
सदियों से शोषण को सहकर
फिर भी चुप रह जाती है
बेटी से भी मान बढ़ेगा
ऐसा इतिहास बताता है
दानों में यह दान बड़ा
जो कन्यादान कहाता है
जैसा इतिहास बताता है
दानों में यह दान बड़ा
जो कन्यादान कहाता है
तीरथ जाकर लोग जातां से
आराध्य का दर्शन करते हैं
दान धर्म से पुण्य प्राप्त हो
पाप से मन में डरते हैं
पुण्य कहाँ से मिलेगा मुझको
निश्चित ना कर पाता है
दानों में यह दान बड़ा
जो कन्यादान कहाता है
दान ब्राह्मणो को देते
चिड़ियों को पास बुलाते हैं
भूखे को ना भोजन देते
बन्दर को पुए खिलाते हैं
पाप -पुण्य के चक्कर में
अपने को भरमाता है
दानों में यह दान बड़ा
जो कन्यादान कहाता है
माता भगिनी भी यह होती
वामांगी यही कहाती है
सदियों से शोषण को सहकर
फिर भी चुप रह जाती है
बेटी से भी मान बढ़ेगा
ऐसा इतिहास बताता है
दानों में यह दान बड़ा
जो कन्यादान कहाता है
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