Tuesday, January 14, 2014

कोई गीत सुना देना

मन गाये ना गाये
कोई गीत सुना देना
दिल के सितार पर तुम
धुन कोई बजा देना

सावन में झर -झर बूंदे
मुझको चिढ़ा रही हैं
दिल में दबी तपन को
ये सब बढ़ा रही हैं
पैरों की पैंजनी की
धुन सुना  देना
कोई गीत सुना देना

नभ में बादल ये
घनघोर बरसा करे
दिल ये तुम बिन प्रिये
कब तक तड़पा करे
बूंदों के संग तुम अब
कुछ गुनगुना देना
कोई गीत सुना देना

मैं जो चातक हूँ
तुम बूँद स्वाती की हो
मैं जो याचक तो
तुम ओस पाती की हो
इस ताप से तपते को
ठंडी बयार देना
कोई गीत सुना देना


मोबाइल -  9198003657  

No comments:

Post a Comment