कहो ! आज क्या बनाया है?
पहले तो वह कुछ धीरे से मुस्करायी
अचानक माथे पर रेखाएं उभर आयी
वह कुछ अंदर ही अंदर झुंझलायी
फिर थोडा बहुत बच्चों पर चिल्लायी
एकाएक मेरी ओर मुड़कर बोली
सुहागिन होने का अच्छा सिला पाया है
तुम पूछते हो आज क्या बनाया है?
किचन में रखे खाली डिब्बे बोलते हैं
कनस्तर भी तुम्हारी ढकी पोल खोलते हैं
कभी मुझे भर न सका यह कह टटोलते हैं
वजन कम होने से मौज में सब डोलते हैं
गैस चूल्हे कि और घूर कर बोली
बस आज ही इसने भी सितम ढाया है
तुम पूछते हो आज क्या बनाया है?
पिंकू को बोर्नविटा दो दिन से नही मिला है
रिंकी का फटा फ्राक आज ही तो सिला है
उसका मुरझाया चेहरा अभी नही खिला है
क्योकि उसे बर्थडे गिफ्ट भी नही मिला है
अब तुम्ही बताओ एक तो ये तंगी
ऊपर से इस डायन का बुरा साया है
तुम पूछते हो आज क्या बनाया है?
अब तो मेहमान आने पर बहुत डर लगता है
उसे क्या खिलाऊ यही सदमा लगा रहता है
देर होने पर वह कुछ बिना खाये चला जाता है
शायद हमारी मजबूरी को यूँ ही भांप जाता है
अब मैं क्या करूँ क्या न करूँ
विधाता ने इस भूंख को क्यों बनाया है
तुम पूछते हो आज क्या बनाया है?
अभी तुम्हारे वेतन आने में सात दिन शेष हैं
दाल चावल के डिब्बों में उनके अवशेष हैं
बस आटा ही कुछ बचा कनस्तर में शेष है
इसी महीने में आने वाला त्यौहार विशेष है
क्या बनाऊं अभी तक ये न समझ पायी हूँ
क्या बताऊं क्या बनाया है
तुम पूछते हो आज क्या बनाया है?
पहले तो वह कुछ धीरे से मुस्करायी
अचानक माथे पर रेखाएं उभर आयी
वह कुछ अंदर ही अंदर झुंझलायी
फिर थोडा बहुत बच्चों पर चिल्लायी
एकाएक मेरी ओर मुड़कर बोली
सुहागिन होने का अच्छा सिला पाया है
तुम पूछते हो आज क्या बनाया है?
किचन में रखे खाली डिब्बे बोलते हैं
कनस्तर भी तुम्हारी ढकी पोल खोलते हैं
कभी मुझे भर न सका यह कह टटोलते हैं
वजन कम होने से मौज में सब डोलते हैं
गैस चूल्हे कि और घूर कर बोली
बस आज ही इसने भी सितम ढाया है
तुम पूछते हो आज क्या बनाया है?
पिंकू को बोर्नविटा दो दिन से नही मिला है
रिंकी का फटा फ्राक आज ही तो सिला है
उसका मुरझाया चेहरा अभी नही खिला है
क्योकि उसे बर्थडे गिफ्ट भी नही मिला है
अब तुम्ही बताओ एक तो ये तंगी
ऊपर से इस डायन का बुरा साया है
तुम पूछते हो आज क्या बनाया है?
अब तो मेहमान आने पर बहुत डर लगता है
उसे क्या खिलाऊ यही सदमा लगा रहता है
देर होने पर वह कुछ बिना खाये चला जाता है
शायद हमारी मजबूरी को यूँ ही भांप जाता है
अब मैं क्या करूँ क्या न करूँ
विधाता ने इस भूंख को क्यों बनाया है
तुम पूछते हो आज क्या बनाया है?
अभी तुम्हारे वेतन आने में सात दिन शेष हैं
दाल चावल के डिब्बों में उनके अवशेष हैं
बस आटा ही कुछ बचा कनस्तर में शेष है
इसी महीने में आने वाला त्यौहार विशेष है
क्या बनाऊं अभी तक ये न समझ पायी हूँ
क्या बताऊं क्या बनाया है
तुम पूछते हो आज क्या बनाया है?
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