इस देश की माँ अपने सुत को
सीमा पर भेज घबराती नहीं है
निज रच्छा सौगंध बहिन दे
देश का मान घटाती नहीं है
प्यार की कसम दिलाकर पत्नी
पास पीया को बुलाती नहीं है
यह धन्य शहीद की है जननी
सुत-शव पर अश्रु बहाती नहीं है
सीमा पर भेज घबराती नहीं है
निज रच्छा सौगंध बहिन दे
देश का मान घटाती नहीं है
प्यार की कसम दिलाकर पत्नी
पास पीया को बुलाती नहीं है
यह धन्य शहीद की है जननी
सुत-शव पर अश्रु बहाती नहीं है
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