Thursday, January 16, 2014

घोड़ी नयी थी

घोड़ी कुछ ज्यादा ही नयी थी
पहले बारात नहीं गयी थी

उसे सजाकर बारात लाया गया
उस पर दूल्हे को बैठाया गया
घोड़ी वाले को नेग दिखाया गया
फिर बारात को आगे बढ़ाया गया
वह कुछ रुक रुक कर चल रही थी
क्योकि घोड़ी कुछ ज्यादा ही नयी थी

बारातियों कि चाल मतवाली है
उनके आस पास दुसरे की घरवाली है
सूट पहने हैं मगर जेब तो खाली है
पैर तो रुके क्योकि घूरती घरवाली है
वह भी यह देख हिनहिना रही थी
क्योकि घोड़ी कुछ ज्यादा ही नयी थी

बैंड वाला बैंजो बजाने लगा
भोंपू वाला तान मिलाने लगा
दूल्हे का जीजा डांस दिखाने लगा
आतिशबाज भी मस्ताब जलाने लगा
यह देख वह चकमका रही थी
क्योकि घोड़ी कुछ ज्यादा ही नयी थी

इस ढमढम ने उसकी बेचैनी बढ़ायी
उसे भी नाचने कि इच्छा हो आयी
फिर उसने कथक कि स्टाईल दिखायी
उसने दुलत्ती पर दुलत्ती चलायी
वह तो सिर्फ खुशियां ही जता रही थी
क्योकि घोड़ी कुछ ज्यादा ही नयी थी


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