Thursday, July 3, 2014

कभी नहीं झुकने देंगे


















गर्वित सीस तिरंगे का हम, कभी नहीं झुकने देंगे।
पावन शब्द शौर्य गाथा के, कभी नहीं मिटने देंगे।

सत्य-अहिंसा के पथ चलकर, जो नींद नहीं सुख की सोया।
साबरमती की कुटिया में रह, खादी के बीज को था बोया।
बापू की यह अमर कहानी, मन से नहीं मिटने देंगे।।
गर्वित सीस तिरंगे का हम, कभी नहीं झुकने देंगे।

सीस मुकुट हिमगिरि जिसका, चरणों को धोता है साग़र।
कल-कल करती गंगा-यमुना, भरतीं अमृत की गागर।
इस मातृभूमि के सब पुत्रों को, कभी नहीं बँटने देंगे।।
गर्वित सीस तिरंगे का हम, कभी नहीं झुकने देंगे।

जिसका शोणित सदा खौलता, सीमा पर वह जाता है
सोकर बलिवेदी की शैय्या, माता का मान बचाता है।
रक्त बूँद की उस लाली को, कभी नहीं छँटने देंगे।।
गर्वित सीस तिरंगे का हम, कभी नहीं झुकने देंगे।
 


5 comments:

  1. Kya baat-kyaa baat.ati sunder rachana ke liye hardik subhkamana.

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  2. Is kavita to puraskrit karne yogya hai. Ati sunder.

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  3. Dil ko chhu gayi kavita. Really.

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  4. Jab tak na mile safalta mujhko, kalam ko na rukne degen. Than ligiye apne man me-publish karake hi dam legen.

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