इनकी चाल बहुत है न्यारी,
इनका तुमही संभारो राम।
मोबाइल लीन्हें दस इन्ची,
वह जेब को भइया फारे।
फिर कान में दूनौ डारे।
बहुतै खुश होवै महतारी।।
इनका तुमही संभारो राम।
बैठें जब मोटरसाइकिल पर,
फिर वो पॉयलट बनि जावें।
वह ना देखैं सड़क सलोनी ,
झर-झर गाड़ी जोर उड़ावें।
उनका दिखे न और सवारी।।
इनका तुमही संभारो राम।
तूफानी चाल बहुत है प्यारी,
फिर तो चीता बनिके भागें।
बगल में जेहिके निकसि परै,
फिर यमराज के ऐसे लागें।
वह सुमिरै हनुमत बलधारी।।
इनका तुमही संभारो राम।
माने ना वो पिता की एकौ,
गाड़ी सरपट जोर भगावें।
पकड़े पुलिस चौराहे पर,
फिर डण्डा से समझावें।
उनकी जीन्स फटी पिछवारी।।
इनका तुमही संभारो राम।
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