Rajesh Shukla Chhandak
Thursday, May 22, 2014
आया करो
याद तेरी मुझे जब सताने लगे,
रूप सागर को अपने दिखाया करो।
चाँदनी जब कली का चुम्बन करे,
उस निशा में प्रिये तुम भी आया करो।।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment