कांधे कांवर को लेकर कंवरिया चले
बाबा भोले से मिलने बवरिया चले
पाँव थकते नहीं मन में विस्वास है
गंगा जल को चढाने कंवरिया चले
श्रद्धा, भक्ती चहूँ दिसि दिखाई पड़े
बम-बम भोले चहूँ दिसि सुनाई पड़े
भक्त भगवान का ये अनूठा मिलन
भक्ति विगृह के सम्मुख दिखाई पड़े
सखियाँ गौरा को मिलकर सजाने लगीं
बात कानों में गुपचुप बताने लगीं
शिव जी दूल्हा बने अब खड़े सामने
प्रीति की रीति सखियाँ सिखाने लगीं
बाबा भोले से मिलने बवरिया चले
पाँव थकते नहीं मन में विस्वास है
गंगा जल को चढाने कंवरिया चले
श्रद्धा, भक्ती चहूँ दिसि दिखाई पड़े
बम-बम भोले चहूँ दिसि सुनाई पड़े
भक्त भगवान का ये अनूठा मिलन
भक्ति विगृह के सम्मुख दिखाई पड़े
सखियाँ गौरा को मिलकर सजाने लगीं
बात कानों में गुपचुप बताने लगीं
शिव जी दूल्हा बने अब खड़े सामने
प्रीति की रीति सखियाँ सिखाने लगीं