Wednesday, October 22, 2014

जगमग दीप जले।








जगमग-जगमग दीप जले।

घर -आँगन खुशियों से झूमे,
सपना सब आँखों का है।
नया सबेरा स्वर्णिम आये,
सपना सब रातों का है।
विष्णुप्रिया हर देहरी आये,
स्वर छन-छन लगे भले।।
जगमग-जगमग दीप जले।

तन-मन सबके स्वच्छ रहें,
कटुता कहीं न दिखे।
ऊँच-नीच का भेद मिटे फिर,
हर दिल झूम उठे।
सप्त राग हर मुख से निकले,
सुख में सभी पले।।
जगमग-जगमग दीप जले।

गांव- नगर सब जगमग होवें,
राहें सब मुस्काएं।
कृष्ण सखा संग बैठ कदम पर,
मुरली मधुर बजायें।
सपना पूरा मोदी का हो,
हर चेहरे पर ख़ुशी खिले।।
जगमग-जगमग दीप जले।

सभी प्रिय पाठकों को दीपावली की
हार्दिक शुभकामनाएं ! 

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