नेता ऐसा चाहिए जनता का दे ध्यान।
नित ऐसे कारज करे बढे मान सम्मान।।
मनसा-वाचा-कर्मणा से हो निष्ठावान।
जनता उसको पूजती जैसे हो भगवान।।
लोकतंत्र के समय में नेता दयानिधान।
द्रष्टी रुके बबूल पर बन जाए धनवान।।
शिछा मंत्री बन गए देते भाषण तान।
शारद उनसे दूर है लछमी वाहन जान।।
नित ऐसे कारज करे बढे मान सम्मान।।
मनसा-वाचा-कर्मणा से हो निष्ठावान।
जनता उसको पूजती जैसे हो भगवान।।
लोकतंत्र के समय में नेता दयानिधान।
द्रष्टी रुके बबूल पर बन जाए धनवान।।
शिछा मंत्री बन गए देते भाषण तान।
शारद उनसे दूर है लछमी वाहन जान।।
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