याद आया बापू जन्मदिन तुम्हारा।
अब ये जीवन कर्जदार है तुम्हारा।।
दांडी की यात्रा से जीवन दिलाया तूने।
पाबंदियों से हटके नमक खिलाया तूने।
जीने का आदमी को मिल गया सहारा।।
याद आया बापू जन्मदिन तुम्हारा।
चरखा थमा के तूने खादी बना दिया।
भारत के जान को तूने गांधी बना दिया।
खादी से ये तन ढक गया बेचारा।।
याद आया बापू जन्मदिन तुम्हारा।
सत्य-अहिंसा का पौधा तूने उगा दिया।
बिना घाव-घायल गोरों को भगा दिया।
हर भारतवासी का भाग्य था संवारा।।
याद आया बापू जन्मदिन तुम्हारा।
No comments:
Post a Comment