Friday, April 6, 2018

स्व. कवि प्रमोद तिवारी एवं स्व. कवि के डी हाहाकारी को विनम्र श्रद्धांजलि




दोनों महान कवियों को भावभीनी श्रद्धांजलि-
के डी की यादि सताइ रही।
प्रमोद कै गीत तो गाइ रही।
उइ अवधी कै खम्भ पुरान रहे।
उइ बाइबल, गीता, कुरान रहे।
उइ अवधी कै धारा खूब बहे।
उइ फुलझड़ी, चुटकुला खूब कहे।
अब उनके अइसी कौन कही।।
गीतन कइ झड़ी लगाइ गये।
बहुतै गीत तिवारी गाइ गये।
मंचन का सूना कराइ गये।
हमसब का बहुत रोवाइ गये।
अब उनकी धारा कौन बही।।
मंचन पर चूरन बेचि दिहिन।
उइ कविता धुरंधर खूब कहिन।
गीतन कै थाती बाँटि दिहिन।
प्रेमिन का पाती बाँटि दिहिन।
अब इनकी कमी का कैसे सही।।
-राजेश शुक्ल 'छंदक '

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