Saturday, March 31, 2018

आप न आते चित्रकूट












।।जय -जय बजरंगबली।।

आते न जो धरनी पर प्रभू, सुग्रीव से राम मिलावत को।
रावण हरण किया सिय को,फिर उनको पता लगावत को।
सुमित्रा को लाल अचेत भयो, संजीवनी से प्राण बचावत को। 
आप न आते चित्रकूट यदि, तुलसी से राम लिखावत को। ।
-छंदक

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